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ઑગસ્ટ, 2024 માંથી પોસ્ટ્સ બતાવી રહ્યું છે

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8

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**भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8** भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8 उन भारतीय नागरिकों के अधिकारों को संरक्षित करता है, जो भारत के बाहर रह रहे हैं। यह प्रावधान उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनका जन्म भारत के बाहर हुआ है, लेकिन जिनके माता-पिता या दादा-दादी भारतीय नागरिक हैं।  अनुच्छेद 8 के तहत, ऐसे व्यक्ति भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकते हैं, यदि वे भारत के नागरिकता कानून के तहत आवश्यक शर्तें पूरी करते हैं। यह प्रावधान भारतीय प्रवासियों और विदेशों में बसे भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करता है, जिससे वे अपनी भारतीय नागरिकता को बनाए रख सकते हैं और भारत के साथ अपने सांस्कृतिक और कानूनी संबंधों को मजबूती दे सकते हैं। **अनुच्छेद 8 का महत्व:** 1. **भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा**: यह अनुच्छेद उन प्रवासी भारतीयों को भारतीय नागरिकता की सुरक्षा प्रदान करता है जो विदेशों में जन्मे हैं लेकिन उनके पूर्वज भारतीय हैं। 2. **सांस्कृतिक संबंधों की रक्षा**: अनुच्छेद 8 भारतीय नागरिकता के साथ सांस्कृतिक और कानूनी संबंधों की रक्षा करता है, भले ही व्यक्ति व...

દલિત સમાજ પર થતા અત્યાચારમાં દલિત પેંથર સમાજ ની સાથે

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દલિત સમાજ પર થતા અત્યાચારમાં  દલિત પેંથર સમાજ ની સાથે            વિપુલભાઈ સેનમાં ઉમર 27 વર્ષ રહેવાસી ચાંદખેડા અશોક આવાસ ન્યુ સી.જી. રોડ મૂળ વતની ગામ ધમેડા તાલુકો માણસા જિલ્લો મહેસાણા વિપુલભાઈ નાં સ્વાભિમાન પર ઢેસ પહોંચવાને લીધે  16/08/2024 નાં દિવસે આત્મહત્યા કરી  મૂળ વાત એ છે કે બનાવ નાં બે દિવસ અગાઉ વિપુલભાઇ સેનમાં તેમના મોટા ભાઈ સાથે ચાંદખેડા માં  છેલ્લા છ મહિનાથી એમની સાથે રહે છે. અરવિંદ ફાઉન્ડેશન ગામ ખાત્રજ ટાટા હાઉસિંગ ખાતે નોકરી કરે છે વિપુલભાઈ સવારના 9 એક વાગે થી ઘરેથી નોકરી જાય અને સાંજે 6:00 વાગે ઘરે પાછા આવતા હતા તારીખ 16/08/2024 ના બપોરના 12:00 વાગે વિપોલભાઈના મોટાભાઈ અરવિંદભાઈ ધંધાનાં કામ અર્થે જામનગર ખાતે ગયા હતા તે વખતે એમના ઉપર ફોન આવ્યો અને  વોટ્સઅપ માં તેમના મામાના દિકરા અજયભાઈ રાજુભાઈ સેનમાં એમને ચાર વિડીયો મોકલેલા જે વિડિયો અરવિંદભાઈ ના નાના ભાઈ વિપુલના હતા. જે ચારે વિડિયો વિપુલે જાતે મોબાઈલ  મા  ઉતારેલા હતા વિડીયો એમને વારાફરતી જોયા સાંભળ્યા જેમાં એમના ભાઈ વિપુલે વિડીયો મુક્યો હ...

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 7: संघ का राज्यक्षेत्र

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 7: संघ का राज्यक्षेत्र -------------------------------------------------------------- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 7 भारत के संघ के राज्यक्षेत्र को परिभाषित करता है। यह अनुच्छेद यह बताता है कि भारत के संघ में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल है। अनुच्छेद 7 के अनुसार, भारत के संघ में शामिल हैं: ------------------------------------------------------------  * राज्य: भारत के संघ में कुल 28 राज्य हैं। लेकिन प्रत्येक राज्य भारतीय संविधान के अधीन होता है।  * संघीय क्षेत्र: भारत के संघ में कुछ संघीय क्षेत्र भी शामिल हैं। ये क्षेत्र केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में होते हैं। भारत के संघ में वर्तमान में 8 संघीय क्षेत्र हैं।  * अनुच्छेद 3 के अनुसार: भारत के राष्ट्रपति को राज्यक्षेत्र में परिवर्तन करने का अधिकार है। उदाहरण के तौर पर, राष्ट्रपति किसी राज्य को दो या अधिक राज्यों में विभाजित कर सकता है या दो या अधिक राज्यों को मिलाकर एक राज्य बना सकता है। अनुच्छेद 7 के महत्व: ------------------------  * भारत की संघीय संरचना को परिभाषित करता है: यह अनुच...

Articles 5&6 of the Indian Constitution: Citizenship In hindi

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 5&6: नागरिकता के आधार ----------------------------------------------------------------- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 5 भारत की नागरिकता के आधारों को परिभाषित करता है। यह अनुच्छेद यह बताता है कि कौन-कौन व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा। अनुच्छेद 5 के अनुसार, भारत का नागरिक होगा: ----------------------------------------------------------------  * जन्म के आधार पर: भारत में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसके माता-पिता में से कम से कम एक भारत का नागरिक हो। उदाहरण के तौर पर, यदि एक अमेरिकी महिला भारत में एक बच्चे को जन्म देती है, तो वह बच्चा भारत का नागरिक होगा।  * निवास के आधार पर: भारत में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसके माता-पिता में से कोई भी भारत का नागरिक नहीं हो, लेकिन जिसका जन्म भारत में हुआ हो और वह भारत में रह रहा हो। उदाहरण के तौर पर, यदि एक विदेशी नागरिक भारत में रह रहा है और उसका बच्चा भारत में जन्म लेता है, तो वह बच्चा भारत का नागरिक होगा।  * अनुच्छेद 6 के अनुसार: यदि कोई व्यक्ति भारत के क्षेत्र में जन्म लेता है, ल...

Indian constitution article -4 in hindi

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 4 --------------------------------------- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 4, देश की संघीय संरचना को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह अनुच्छेद, राज्य पुनर्गठन और राज्य नाम परिवर्तन संबंधी विधियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक प्रावधानों के बारे में बताता है। अनुच्छेद 4 की पृष्ठभूमि ---------------------------- भारत की स्वतंत्रता के बाद, देश में विभिन्न राज्यों और रियासतें थीं, जिनकी अपनी अलग-अलग सरकारें थीं। संविधान सभा ने देश को एकीकृत करने के लिए संघीय संरचना को अपनाया। अनुच्छेद 3 और 4 इस संघीय संरचना को लचीला बनाने के लिए प्रावधान करते हैं। अनुच्छेद 4 के प्रमुख प्रावधान ---------------------------------- अनुच्छेद 4 के तहत, निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:  * राज्य पुनर्गठन और राज्य नाम परिवर्तन विधियों के लिए प्रावधान: अनुच्छेद 4 यह सुनिश्चित करता है कि अनुच्छेद 3 के तहत बनाई गई राज्य पुनर्गठन और राज्य नाम परिवर्तन संबंधी विधियों में ऐसे प्रावधान शामिल हों जो इन विधियों को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक हों।  * अनुपूरक, आकस...

भारतीय दलित पैंथर गुजरात का भारत बंद सफल!

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   गुजरात प्रदेश अध्यक्ष श्री राहुलभाई परमार का भारत बंध को समर्थन। भारतीय दलित पैंथर गुजरात का भारत बंद सफल! 21 अगस्त को अहमदाबाद सहित गुजरात के विभिन्न हिस्सों में आयोजित भारत बंद, भारतीय दलित पैंथर गुजरात के पूर्ण समर्थन से सफल रहा। हमारा आंदोलन, सामाजिक न्याय और समानता की मांगों को लेकर है, जो हमारी समाज की आधारशिला हैं। 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को नकारते हुई भारत बंध के आह्वान को हम सब ने मिल कर सफल बनाया । इस सफल भारत बंध की कुछ तस्वीरें नीचे देखिए। भारत बंध चांदखेड़ा रिलायंस ट्रेंड्स बंध ज्यादा फोटो देखने के लिए निचे के फेसबुक एकाउंट को फॉलो करे भारतीय दलित पैंथर गुजरात राहुल परमार kaushal asodiya हमारे आंदोलन का उद्देश्य दलितों के अधिकारों की रक्षा करना, उनके उत्थान के लिए कार्य करना और उन्हें समान अवसर प्रदान करना है। हमारी मांगों के प्रति जनता का व्यापक समर्थन हमें उत्साहित करता है। દલિત પેંથર ની ટીમ અમદૂપુરા અમદાવાદ બંધ કરાવવા પહોચી પેંથર નારણ વોરાને બીજી આદરાંજલી શું હોય કે 21 મી સદીના પેંથરો તેમનું સ્વપ્ન જીલી લીધું છે भारत बंद की सफलता ने ह...

Indian constitution article -3 in hindi

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 --------------------------------------- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 भारत की संघीय संरचना का एक महत्वपूर्ण आधारभूत प्रावधान है। यह अनुच्छेद भारत के राज्यों के पुनर्गठन और उनके नामों के परिवर्तन से संबंधित है, जिससे देश के विकास और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुसार राज्य क्षेत्रों को लचीले ढंग से पुनर्गठित किया जा सकता है। अनुच्छेद 3 की पृष्ठभूमि ------------------------------------ भारत की स्वतंत्रता के समय, देश में विभिन्न राज्यों और रियासतें थीं, जिनकी अपनी अलग-अलग सरकारें थीं। संविधान सभा ने देश को एकीकृत करने और एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए संघीय संरचना को अपनाया। अनुच्छेद 3 इस संघीय संरचना को लचीला बनाने के लिए प्रावधान करता है। अनुच्छेद 3 के प्रमुख प्रावधान ------------------------------------ अनुच्छेद 3 के तहत, भारत सरकार को निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं:  * राज्य क्षेत्रों का पुनर्गठन: सरकार राज्यों के क्षेत्रों को बदल सकती है, जैसे कि नए राज्य बनाना, राज्यों को विभाजित करना या राज्यों का विलय करना।  * राज्यों के नामों का परिवर्तन:...

Indian constitution article -2 in hindi

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2 --------------------------------------- अनुच्छेद 2 का विस्तृत विवरण भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2 भारतीय संघ के विस्तार की व्यवस्था करता है। यह अनुच्छेद यह प्रावधान करता है कि संसद किसी भी राज्य को संघ में विलय करने या उसका नाम बदलने का कानून बना सकती है। मुख्य बिंदु: ------------ * संघ का विस्तार: अनुच्छेद 2 यह सुनिश्चित करता है कि भारत के संघ का विस्तार किया जा सकता है। यह संघ में नए राज्यों को शामिल करने की संभावना प्रदान करता है। उदाहरण के तौर पर, गोवा को 1961 में भारत में विलय कर दिया गया था, जिससे भारत के पश्चिमी तट पर एक नए राज्य का गठन हुआ। * राज्यों का विलय: संसद किसी भी राज्य को भारत के संघ में विलय करने का कानून बना सकती है। यह प्रावधान भारत के एकीकरण को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर, जम्मू और कश्मीर को 2019 में भारत के संघ में विलय कर दिया गया था। * नाम परिवर्तन: संसद किसी भी राज्य का नाम बदलने का कानून बना सकती है। यह प्रावधान राज्यों की सांस्कृतिक या ऐतिहासिक पहचान को प्रतिबिंबित करने के लिए उपयोग किया...

बुद्ध: जीवन का मार्गदर्शक प्रकाश

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बुद्ध: जीवन का मार्गदर्शक प्रकाश बुद्ध, एक साधारण राजकुमार से दुनिया के सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक बन गए। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के लिए जीवन का आधार हैं। बुद्ध ने हमें बताया कि जीवन दुःख से भरा है, परंतु यह अपरिहार्य नहीं है। बल्कि, बुद्धिमत्ता और करुणा के माध्यम से हम इस दुःख को कम कर सकते हैं। अष्टांगिक मार्ग: जीवन की यात्रा का पथ बुद्ध की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षाओं में से एक है अष्टांगिक मार्ग। यह आठ चरणों का एक पथ है जो हमें ज्ञान और मोक्ष तक ले जाता है। ये आठ चरण हैं: * सम्यक दृष्टि: सही समझ, जीवन की वास्तविकता को समझना। * सम्यक संकल्प: सही विचार, मन को शुद्ध और सकारात्मक रखना। * सम्यक वाणी: सही वाणी, सत्य और दयालु शब्दों का प्रयोग करना। * सम्यक कर्म: सही कर्म, नैतिक और सद्भावपूर्ण कार्य करना। * सम्यक आजीविका: सही जीविका, ईमानदार और नैतिक तरीके से जीवन यापन करना। * सम्यक प्रयास: सही प्रयास, बुराई से दूर रहने और अच्छाई की ओर बढ़ने का प्रयास करना। * सम्यक स्मृति: सही ध्यान, मन को केंद्रित और शांत रखना। * सम्यक समाधि: सही एकाग्रता, गहरी ध...

Indian constitution article -1 in hindi

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भारत का संविधान: अनुच्छेद 1  भारतीय संविधान का प्रारंभिक पत्थर, अनुच्छेद 1, संपूर्ण दस्तावेज़ की नींव रखता है। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण कथन है: "भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा"। इस एक वाक्य में भारत की राजनीतिक संरचना की मूल रूपरेखा निहित है। संघ शब्द का प्रयोग यहां अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि भारत एक एकात्मक राज्य नहीं है जहां केंद्र सरकार सर्वोच्च हो। इसके विपरीत, यह एक संघ है जिसमें केंद्र और राज्य दोनों अपनी-अपनी शक्तियों के साथ स्वायत्तता रखते हैं। यह संघीय ढांचा भारत की विविधता को समायोजित करने और विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक कुशल तंत्र प्रदान करता है। अनुच्छेद 1 आगे बढ़ते हुए, भारत के राज्यों की सूची को संविधान की पहली अनुसूची में रखने का प्रावधान करता है। यह स्पष्टता लाता है कि संघ के घटक कौन-कौन से हैं। साथ ही, यह भविष्य में भारत में शामिल होने वाले किसी भी क्षेत्र को भी संघ का हिस्सा मानने की व्यवस्था करता है, जिससे देश की भौगोलिक सीमाओं में संभावित विस्तार की गुंजाइश रहती है।...